बात ऐसी तो नहीं चलती की ,
आँखें दरिया बन जाए,
मन ऐसा तो नहीं मचलता की,
जान पे बन आये,
फिर भी,
मौजे उठती हैं,
तूफ़ान लेकर आती है,
कभी न कभी ये तबाही जरुर लाएगी,
ये सोच कर दिल घबराता है.



ज़रा सी हवा ने क्या छू लिया,
संगीत के प्रति प्रेम ,ईश्वर के प्रति प्रेम का प्रतिक है,