Monday, October 8, 2012


विचारों का बोज उठाकर ,
थक जाता है,
फिर भी...
कमबख्त ये दिमाग,
कभी...
अकेला क्यूँ नहीं रह पाता
Photo: विचारों का बोज उठाकर ,
थक जाता है,
फिर भी... 
कमबख्त ये दिमाग,
कभी... 
अकेला क्यूँ नहीं रह पाता.....सुप्रभातम...अंबर

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