Saturday, February 18, 2012

फूलों कि वादियाँ


वादियोंमें तेरे साँसों की खुशबु महफूज़ है,
तभी वहाँ तो इतने सारे फुल महक रहे हैं.
फजाओं में तेरी हंसी की मदहोश गूंज है,
तभी तो पत्तोकी सरसराहट कुछ कह रही है.
तुजे देखकर आसमां खुल कर खिल रहा है,
तभी तो उसपे बिखरी हुई लालिमा है....

गम -खुशी


खुशियों को ढुंढने कि कोशिश् में,
दुखों का ढेर सामने आता है,
जो इंसान इस ढेर को पार कर ,
गुजर जाता है,
खुशियाँ ,
उसे सामने नज़र आती है,
जो पार करते थक जाता है,
खुशियाँ उसके पीछे आते थक जाती है.

सुर


संगीत के प्रति प्रेम ,ईश्वर के प्रति प्रेम का प्रतिक है,
जब कोई गुनगुनाता है,तो अपनेआप में खो जाता है,
और जब कोई अपने में गुम हो जाता है तो गाता है,
ईश्वर की आराधना और संगीत की साधना दोनों में
आँखे खुद-बी-खुद बंद हो जाती है,दिल हलका हो जाता है,
न कोई मज़हब बीचमें आता है, न कोई इंसान,
जब संगीत के सुर में खो कर कोई डोलने लगता है.
सब भूल कर जीने लगता है.

मिट्टी के निशाँ


सागरके किनारे भीगी रेतमें,
पांवो के निशाँ गहरे लगे,
आओ प्रिये साथ मिलकर,
इस निशाँ पे पाँव धरे,
ताकि .....
मौजें उसे मिटा ना सके,
जब तक हम रहे,
हमारे निशाँ भी रहे .

बारिश कि अंगडाई


खुशी भरे आंगनमें बच्चों कि किलकारिया,
ऐसी भाये जैसे ईश्वर की आराधना ,
थके हारे मनको प्रफ्फुलित कर देती है,
दोनों बच्चों की नित नयी शेतानियाँ,
ऐसा सुख जैसे तपती धरा को मिले,
बारिश की अंगडाइयां .

Friday, February 17, 2012

पपीहा


पपीहे की पुकार कुछ सूना रही है,
दिल को ये आवाज़ भा रही है,
पता नहीं ये रोना है या हंसना!!
पर किसीकी रोने की आवाज़ ,
किसीको अच्छी लगती है !!!...

फुल


एक शाम फूलों के साथ गुज़ार लें,
आजाओ की आज फूलों का दिन है,
दिल के फुल को तुम्हारी चाहत चाहिए,
और,बागीचे को हमारा साथ ,
थोड़ा सा वक्त निकाल ही लो,
बागीचे के लिए ही सही,
बस एक बात दोहरानी है,
प्यार का कोई दिन नहीं होता,
ना ही कोई साल,बस एक
छोटा सा पल होता है,
जब हमतुम होते हैं साथ.

पलाश


वो पल तेरे प्यार का आज
पलाश में उतर आया है,
रंग तो खूब है,पर,
खुशबू नादारद है,
सब साथ होना ,
जरुरी नहीं,
रंग से मिले आनंद को,
खुशबू के दुःख से ,
क्यूँ गँवा दूँ?
जो भी है हमारा है,
हमने साथ मिलकर पाया है.

जरुरत


सूरज को चाँद की और चाँद को सूरज की जरुरत होती है,
क्यूंकि,जब तक सूरज नहीं आता चाँद जा नहीं पाता,
जब तक चाँद नहीं जाता सूरज रोशनी दे नहीं पाता ,
विरुध्ध होने के बावजूद ,दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे है.

Friday, February 10, 2012

जिंदगी के मोसम

मोसम के बदलते मुड सी है जिंदगी,
कभी सर्दी,कभी गर्मी,तो कभी बारिश,
खुशी हो तो सर्दी जैसे,
गम जैसे गर्मी,और,
दर्द बनकर आंखोंसे टपके,
बेमोसम ये बारिश..,
ये मोसम का कोई भरोसा नहीं,
कब आये कब जाए ,
कभी सावन में तरसे,
कही भादोंमें बरसे,
फिरभी हर एक मोसम ,
दिलको बखूबी भाये

Saturday, February 4, 2012

अलविदा

पूछा था कभी ,
कब मिलोगे,
हंस के कहा था ,
तुमने
दुनिया गोल है,
देखो
आज इस गोल का
अंतिम सिरा आ ही गया,
और ..
तुम्हारा वादा
आँखों पे बादल बनकर
छाया है,
रास्ते लंबे हो गए हैं,
और,
सांस मजबूर,
अब ...सिर्फ
अलविदा
कहनेका समय आया है,
शायद तुम सुन लो.....!!!




Thursday, February 2, 2012

नश्तर


दिलके दरवाजे पे कभी ताला नहीं होता,
जो आना चाहे आये,जाना चाहें जाएँ,
यहाँ किसीके आने पे आवाज़ नहीं होती,
और जाने से खामोशी नहीं रहती ,
एक ऐसा गहरा नश्तर... जो रिसता रहता है,
इस नासूर का कभी कोई इलाज नहीं रहता.

Wednesday, February 1, 2012

बोजिल पलकें


उठती है निगाह तेरे दिदारको,
गिरती है पलकें तेरे दीदार से,
नाज़ुक आँखोंको इतना बोज न दो,
कहीं बंद ना होजाये किसी रोज वो.