Hindi Poems
Tuesday, October 9, 2012
जीना है इसी पल को,
जेसा भी है,वो मेरा है,
बिता हुआ कल ,
न फिर लौटेगा,और,
आने वाले का पता नहीं,
कहीं ऐसा न हो,
की खुशियाँ मनाने के ,
इंतजारमें,
हम आज को खो बैठें,
या फिर,जब
कार खरीदी जाए,
तो ब्रेक लगाने के लिए,
पाँव ही न चले
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