Sunday, October 7, 2012



पारदर्शक दिवार 


बारीक,नाजुक सी दिवार होती है,
श्रद्धा और अंधश्रद्धा के बीच,
जो न पार करते बनती है,
ना ही,तोडते बनती है,
जब तक इंसान जीता है,
इसी दायरेमें बंधा रहता है,
और जीवनके सही मायने,
समजने कि सोच गँवा देता है........सुप्रभातम...अंबर
Photo: बारीक,नाजुक सी दिवार होती है,
श्रद्धा और अंधश्रद्धा के बीच,
जो न पार करते बनती है,
ना ही,तोडते बनती है,
जब तक इंसान जीता है,
इसी दायरेमें बंधा रहता है,
और जीवनके सही मायने,
समजने कि सोच गँवा देता है........सुप्रभातम...अंबर

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