Monday, October 8, 2012


कंचन कि रंगत और,
कामिनी कि खुशबु ,
एकसाथ मिलाकर ,
ये भोर भयी है,
बना है मनलुभावन
और,
मदहोश ये आसमां,
निगाहें हटाने को,
मन मानता नहीं है,
साँसों में खुशबु और,
आँखों में रंग भर चुके हैं,
तरबतर दिल
खुशियाँ बटोर रहा है....
Photo: कंचन कि रंगत और,
कामिनी कि खुशबु ,
एकसाथ मिलाकर ,
ये भोर भयी है,
बना है मनलुभावन 
और,
मदहोश ये आसमां,
निगाहें हटाने को,
मन मानता नहीं है,
साँसों में खुशबु और,
आँखों में रंग भर चुके हैं,
तरबतर दिल 
खुशियाँ बटोर रहा है...........सुप्रभातम...अंबर

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