Tuesday, October 9, 2012


सूरज को जलना है,
धरती को सहना है,
फूलों को खिलना है,
पानी को बहना है,
सबकुछ तय है,
फिर भी ............
ये तय नहीं है,
कि...
कौन किस नज़रिए से ,
इसे देखता है,
शायद उन्हें,
सूरज का सहना और,
धरती का जलना ,
लग सकता है...
Photo: सूरज को जलना है,
धरती को सहना है,
फूलों को खिलना है,
पानी को बहना है,
सबकुछ तय है,
फिर भी ............
ये तय नहीं है,
कि...
कौन किस नज़रिए से ,
इसे देखता है,
शायद उन्हें,
सूरज का सहना और,
धरती का जलना ,
लग सकता है......सुप्रभातम.....अंबर

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