Monday, October 8, 2012


बहता हुआ चला जाता है,
कभी लौट के नहीं आता है,
वो नदिया का पानी है,
जो वहीँ रह जाता है,
कभीकहीं जाता नहीं है,
वो किनारा है,
फिरभी,
किनारे की पहचान ,
पानी से है,
चंचलता और स्थिरता
यही जीवन का सत्य है
Photo: बहता हुआ चला जाता है,
कभी लौट के नहीं आता है,
वो नदिया का  पानी है,
जो वहीँ रह जाता है,
कभीकहीं जाता नहीं है,
वो किनारा है,
फिरभी,
किनारे की पहचान ,
पानी से है,
चंचलता और स्थिरता 
यही जीवन का सत्य है.........सुप्रभातम...अंबर

No comments:

Post a Comment