Sunday, December 4, 2011

डोली


तेरी डोली ने मेरे ज़ज्बों को रुलाया,
हदसे गुजरे दर्द ने मेरे प्यारको मिटाया,
अब ना दर्द है,ना आंसूओंका कुआं,
एक अन्धेरा कोहरा है,मेरे दरमियाँ ,
सिर्फ डूबते जाना है,लेके तेरी यादोंका साया,
दर्द अब दवा बनके साथ आया,
और तेरी खुशियों की दुआओं में ,
मेरे जीने का मकसद नज़र आया,
जिंदगी गुजर जायेगी या,फिर मैं !
इसी इंतजारमें सफर का रास्ता नज़र आया.....अंबर.

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