Hindi Poems
Monday, January 30, 2012
लकीर
हाथकी लकिरोंमें लिखी है तेरी किस्मत,ऐ बंदे ,
अब पढकर समज ले या समज के पढ़ ले,
जो भी देना था दे दिया तेरे हाथ में,
चाहें तू मुट्ठी बंद रखे चाहें खोल दे.
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