Hindi Poems
Thursday, January 12, 2012
बरसात
काले बादल का रुक-रुक के चलना,
जैसे,
कजरारी आँखों से काजल का फैलना
आसमां से बरसात का यूँ बरसना,
जैसे,
आंसुओं का रुक-रुक कर गिरना,
बादलों का यूँ गरजना,
जैसे ,
दिलके टूटने की आवाज़ होना.
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