Hindi Poems
Monday, January 9, 2012
जहर
जहर आखिर जहर होता है,
चाहे खिलाया जाए,
चाहें पिलाया जाए,
मौत इसमें भी आनी है,
मौत उसमें भी आनी है,
लेकिन जो जहर ,
कानोमें घोला जाय वही ,
सबसे कातिल होता है,
इंसान जिसमें मर-मर के जीता है.
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