Hindi Poems
Saturday, January 7, 2012
हर सुबह नयी उम्मीद से निकलती है,
और
शाम उसीका जनाज़ा लेकर आ जाती है.
वक्त के गुज़रने से कोई फर्क नहीं पडता,
हर शाम हर सुबह की परछाई होती है.
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