Hindi Poems
Tuesday, January 10, 2012
हकीकत
न कोई किसीके लिए जीता है,
न कोई किसीके लिए मरता है,
सब अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए,
एक दूसरेका नाम लेकर जीते हैं.
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