Hindi Poems
Friday, December 2, 2011
बांस का बिस्तर.
महल बनाया,बागीचा सजाया,
खुद को निखारा,जीवन संवारा,
सबकुछ तब काम न आया,
जब,जीवनका अंत आया,
तब सिर्फ,बांस का बिस्तर और,
मिट्टीकी दरी ने ही साथ निभाया........अंबर.
1 comment:
taral
December 2, 2011 at 11:47 PM
Excellent thought.......
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Excellent thought.......
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