Hindi Poems
Friday, December 23, 2011
बिदाई
ये कैसे सिलसिले से गुजरना पडता है?
हर बापको बेटी को रुखसत करना पडता है,
पत्थर दिल इन्सान को भी रोना पडता है,
जब बेटी कि डोली को जाना होता है
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