मेरे अश्कों को पोंछ्नेका प्रयास न कर,
किसी पराये से इतना अनुराग न कर,
बड़ी मुश्किल से मिला है अश्कों को रास्ता ,
उसे भी बंद करनेका गलत काम न कर,
अंदर ही रुक जायेंगे अगर ये आंसू ,
उबलते जज्बातों का धुआं फिर फैलेगा,
इस धुएं के कारण सांसों को परेशां न कर,
मेरे अश्कों को पोंछ्नेका प्रयास न कर .
No comments:
Post a Comment