Friday, January 27, 2012

बसंतपंचमी


बसंत की रंगभरी फिजाओंमें आज हलचल है,
फूलोंकी वादियों में कुछ ज्यादा ही निखार है,
भंवरों की गुंजन से सुबह गुनगुना रही है,
दिलोंमें प्यारका पैगाम देने आज बसंतपंचमी आई है.
रंगरंगीन मोसम का आओ हम स्वागत करें ,
पौधों पे बिखरी कुदरत को आँखोंमें बसालें,
आज इतना तो वक्त निकल्ही आएगा ,
वरना सुंदरता की परिभाषा अधूरी राह जायेगी ...

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