मेरी आँखों का नूर है,मेरी आत्मा का सुकून है,
मेरे जिगर का अहम टुकड़ा है तू,
तेरी ओर देख-देख कर मेरी सांसें चलती है,
तुजे गलेसे लगा कर मुजे शान्ति मिलती है,
तेरी शैतानियों से थककर जब तुजे डांटती हूँ,
उसी पल अपनेआपको भी कोसती हूँ,
मेरा गौरव है तू,मेरा वजूद है तू,
मेरी प्यारी गुडिया मेरा सबकुछ है तू,
आज जब किसीने स्त्रिभ्रूण ह्त्या पर कविता गाई,
मेरे अंतर मन को सिर्फ तेरी ही याद आई,
कैसे कोई अपने अस्तित्व् को मार सकता है,
यही सोचकर मै जीभर रोई,
काश सब माँ बाप अपनी बेटीसे इतना प्यार करें,
जिसे पाकर वो आपके घर बेटी बनकर ,
हर जनम में आना चाहे.........अंबर.
मेरे जिगर का अहम टुकड़ा है तू,
तेरी ओर देख-देख कर मेरी सांसें चलती है,
तुजे गलेसे लगा कर मुजे शान्ति मिलती है,
तेरी शैतानियों से थककर जब तुजे डांटती हूँ,
उसी पल अपनेआपको भी कोसती हूँ,
मेरा गौरव है तू,मेरा वजूद है तू,
मेरी प्यारी गुडिया मेरा सबकुछ है तू,
आज जब किसीने स्त्रिभ्रूण ह्त्या पर कविता गाई,
मेरे अंतर मन को सिर्फ तेरी ही याद आई,
कैसे कोई अपने अस्तित्व् को मार सकता है,
यही सोचकर मै जीभर रोई,
काश सब माँ बाप अपनी बेटीसे इतना प्यार करें,
जिसे पाकर वो आपके घर बेटी बनकर ,
हर जनम में आना चाहे.........अंबर.
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