Hindi Poems
Sunday, November 20, 2011
सरसराहट
सरकते लम्हों की सरसराहट को छुआ है ,
आँखें मूंदे हमने बहोत कुछ देखा है,
सोते,जागते,हँसते,रोते,कराहते,
आज फिर किसीकी दुआओं का असर देखा है...अंबर.
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