Hindi Poems
Friday, February 17, 2012
पपीहा
पपीहे की पुकार कुछ सूना रही है,
दिल को ये आवाज़ भा रही है,
पता नहीं ये रोना है या हंसना!!
पर किसीकी रोने की आवाज़ ,
किसीको अच्छी लगती है !!!...
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