कभी कोई अनजाना सा चेहरा,
जेहन में यूँ उतर जाता है,
लाख भुलाने की कोशिश के बाद भी,
चारों ओर नजर आता है,
बरसों बाद मिलने पर ,
नाम याद नहीं आता,
फिर भी ,
वो चेहरा अपना सा लगता है,
ऐसा क्यूँ होता है,
इसीलिए क्या.....
पिछले जन्म के रिश्तों की ,
बात मानने पर दिल ,
मजबूर हो जाता है
No comments:
Post a Comment